गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि तीन प्रस्तावित आपराधिक कानून जन-केंद्रित हैं। इनमें भारतीय मिट्टी की महक है और इनका उद्देश्य नागरिकों के संवैधानिक, मानवीय और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना है।बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वकीलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों का दृष्टिकोण सजा देने के बजाय न्याय प्रदान करना है। उन्होंने देश के वकीलों से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस-2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए-2023) पर अपने सुझाव देने की अपील की जिससे देश को ऐसे कानून मिल सके जो सभी को लाभ पहुंचाते हों।
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