प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए 13,000 करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की और दिल्ली के द्वारका में यशोभूमि में 5,400 करोड़ रुपये के अत्याधुनिक भारत अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार है जो हाशिये पर पड़े लोगों को पहचान दिलाती है। उन्होंने विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ के अवसर पर टूलकिट ई-बुकलेट के साथ-साथ 18 पारंपरिक व्यापारों को कवर करने वाली 18 अनुकूलित स्टांप शीट का भी अनावरण किया, जिनके श्रमिक इस योजना के तहत कवर किए गए हैं। विश्वकर्मा योजना का लक्ष्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना है।
यह योजना 1 लाख रुपये (18 महीने के पुनर्भुगतान के लिए पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (30 महीने के पुनर्भुगतान के लिए दूसरी किश्त) के संपार्श्विक-मुक्त उद्यम विकास ऋण प्रदान करती है।सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा भुगतान की जाने वाली 8 प्रतिशत की ब्याज छूट सीमा के साथ लाभार्थी से 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर ली जाएगी। क्रेडिट गारंटी शुल्क केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के निर्मित क्षेत्र के साथ,यशोभूमि दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा योजना के कारीगरों और शिल्पकारों से कहा कि वे मेड इन इंडिया टूलकिट केवल उन्हीं दुकानों से खरीदें जो जीएसटी पंजीकृत हैं। सरकार के वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से गणेश चतुर्थी, धनतेरस और दिवाली सहित आगामी त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए भी कहा।
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